नीम करौली बाबा की 5 हक्का-बक्का कर देने वाली कहानियाँ, सुनकर यकीन नहीं होगा ऐसे थे चमत्कार

नीम करौली बाबा

नीम करौली बाबा : भारत के इतिहास मे तमाम बाबा लोग आए बहुत बड़े बड़े ऋषि मुनि भी आए जिन्होंने बहुत कुछ इस देश और दुनियाँ को सिखाया और बताया भी कुछ ऐसे चमत्कार भी कर के दिखाए जिसको देख कर पूरा विश्व यकीन नहीं कर पा रहा था की इस विज्ञान के जमाने मे ऐसी चीज़े भी हो सकती हैं लेकिन इन्ही सब मे से के ऐसे बाबा थे जिनके बारे मे सिर्फ भारत के नहीं बल्कि विदेश के भी तमाम लोग उनकी तरीफ़े करते हैं।

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वो भी आम लोग नहीं बल्कि एप्पल जैसी बड़ी कंपनी के सीईओ स्टीव जॉब्स, फ़ेसबुक के सीईओ मार्क ज़ुकेरबर्ग वही अमेरिका की सबसे मशहूर अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स जैसे तमाम बड़े लोग बाबा के दरबार आ चुके है वही ये लोग जहां भी जाते  है बाबा का और उनके आश्रम का जिक्र जरूर करते हैं।

नीम करौली बाबा
नीम करौली बाबा

नीम करौली बाबा का जीवन :

नीम करौली बाबा का जन्म भारत के उत्तर प्रदेश में हुआ था उनका जन्म क़रीब 1900 के करीब हुआ था इनके पिता जी का नाम दुर्गा प्रसाद था. इनका असली नाम यानि की नीम करौली बाबा का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था .बाबा जब तक जिंदा थे लोग उन्हें नीम करौली बाबा, लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा, तिकोनिया वाले बाबा, और तलइया बाबा जैसे ढेर सारे नामो से पुकारा करते थे।

नीम करौली बाबा का विवाह बताया जाता हैं की मात्र 11 वर्ष की उम्र में ही हो गया था लेकिन विवाह के बाद बाबा ने गृह त्याग कर दिया था बाबा ने कई अलग अलग जगहों पर भ्रमण किया

नीम करौली बाबा को जीवन में दो पुत्र और एक पुत्री प्राप्त हुई जिसके बाद वो गृह त्याग पर निकल गए और अनेक स्थानों पर भ्रमण करते हुए कैंची धाम पहुंच गए थे जहां पर बाबा ने 1964 में अपने आश्रम की स्थापना की जो की आगे चलकर बहुत लोकप्रिय हुआ और देश विदेश से लोग आने लगे बढ़ने से पहले आपको बता दे की नीम करौली बाबा का आश्रम केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है।

नीम करौली बाबा
नीम करौली बाबा

नीम करौली बाबा की 5 हक्का-बक्का कर देने वाली कहानियाँ :

सबसे पहली कहानी :

नीम करोली बाबा का ये पहला हक्का-बक्का कर देने वाला चमत्कार बताया जाता है एक बार फर्स्ट क्लास के कंपार्टमेंट में नीम करोली बाबा सफर कर रहे थे तब टीटी आया तो बाबा के पास टिकट नहीं था तो बाबा को अगले स्टेशन पर ही ट्रेन से उतार दिया गया लेकिन बाबा थोड़ी दूर पर ही अपना चिमटा धरती में गाड़कर कर बैठ गए थे इसके बाद ट्रेन चलने को हुई गार्ड ने हरी झंडी तक दिखाई ट्रेन को लेकिन ट्रेन एक इंच तक वहां से हिल नहीं पाई

बहुत कोशिश करने के बाद भी जब ट्रेन नहीं चली तो लोकल मजिस्ट्रेट जो बाबा को जानता था उसने ऑफिशल्स को बताया और उनसे माफी मांगने और उन्हें सम्मान पूर्वक अंदर लाने को कहा यानि की बाबा को ट्रेन में सवार अन्य लोगों ने भी मजिस्ट्रेट का समर्थन किया और बड़े ऑफ़िसियल्स ने बाबा से माफी मांगी और उन्हें पूरे सम्मान के साथ ट्रेन में बैठाया तब जाकर के कहीं ट्रेन चल पड़ी, बाबा के ट्रेन में बैठते ही ट्रेन चल पड़ी जब बाबा ट्रेन से उतरे तो गाड़ी हिल तक नहीं रही थी और ट्रेन में बैठते ही ट्रेन चल पड़ी थी तभी से बाबा का नाम नीम करोली पड़ गया था।

दूसरी कहानी :

एक बार की घटना है कि एक विदेशी भक्त अपने पति को लेकर नीम करोली बाबा के पास पहुंची थी लेकिन उस महिला का पति बाबा लोगों को नहीं मानता था उसका धर्म में किसी भी प्रकार का विश्वास नहीं था परंतु अपनी पत्नी के कहने पर वह यहां पर आ गया था वह आदमी आश्रम और नीम करोली बाबा को देखकर यह सोचता की साधारण से व्यक्ति के पीछे मेरी पत्नी पागल है और पागल क्यों है फिर वह वहां से उठकर चला गया।

रात में वह चिंता के मारे नदी किनारे खड़ा हुआ अपने पत्नी के बारे में और अपने भविष्य के बारे में सोचकर चिंतित होने लगा दूसरे दिन जब वह सुबह अपने देश जाने से पहले अपने पत्नी के कहने पर बाबा के पास दर्शन करने गया तो बाबा ने उसे बुलाया और पूछा कि तुम यहां आकर क्या सोच रहे थे और कल वाली सारी घटना उसको खड़े-खड़े वही सुना दी कि तुम रात में कहां गए थे

तुम नदी के किनारे खड़े थे तुम वहां पर अपने मन में क्या सोच रहे थे मैं वह सब कुछ जानता हूं तब बाबा ने वहां सब कुछ बता दिया जो वह सोच रहा था यह सुनकर उसे तो पहले विश्वास ही नहीं हुआ लेकिन जब उसे होश आया तो उसने भी बाबा के चरण पकड़ लिए और उसे बाबा पर पूरा विश्वास हो गया था।

तीसरी कहानी  :

ऐसी एक घटना और घटी थी जब एक विदेशी भक्त को ब्लड प्रेशर की दवा खाते हुए नीम करोली बाबा ने देखा बाबा जी ने उसे तुरंत उससे दवा की सीसी मांग ली और उसे खोलकर उसमें रखी सारी की सारी दवाइयां एक साथ खा गए यह देखकर भक्त काफी ज्यादा डर गया घबरा गया जल्दी उसने एंबुलेंस बुलाने की तैयारी करने लगा परंतु कई घंटे बीत जाने के बाद भी बाबा को कुछ भी नहीं हुआ वो पहले की तरह ही हंस रहे थे और मुस्कुराए शांत बैठे थे यह भी एक बहुत ही फेमस घटना है जो की बहुत चर्चा मे आयी थी।

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चौथी और सबसे चर्चित घटना :

सबसे ज्यादा फेमस और आश्चर्यचकित कर देने वाली घटना थी “बुलेट प्रूफ कंबल” नाम से एक मशहूर घटना जो कि रिचर्ड एलपर्ट ने 1979 में “मिरेकल ऑफ लव” नामक एक किताब में लिखकर बताया था उन्होंने बताया कि नीम करोली बाबा हमेशा कंबल ही अपने ऊपर लपेटे रहते थे उसी को ओढा करते थे आज भी लोग जब उनके मंदिर में जाते हैं तो उन्हें कंबल जरूर चढ़ाते हैं इसी कंबल की एक महान कहानी है बाबा के कई भक्त थे उनमें से एक बुजुर्ग दंपत्ति थे जो फतेहगढ़ में रहा करते थे आपको बता दूं कि यह घटना 1943 के समय की है।

अचानक से एक दिन नीम करोली बाबा उनके घर में पहुंच गए और कहने लगे की वो वही रात बिताएंगे दोनों दंपत्ति तो बहुत ज्यादा खुश हुए लेकिन उन्हें इस बात का दुख भी था कि घर में महाराज की सेवा करने के लिए कुछ भी उनके पास नहीं था हालांकि जो भी था।

उन्होंने वो सब बाबा के सामने प्रस्तुत कर दिया बाबा खाना-वाना खाकर एक चारपाई पर लेट गए और कंबल ओढ़ कर सो गए दोनों बुजुर्ग दंपत्ति भी वहीं पर सो गए थे लेकिन  महाराज जी कंबल ओढ़े तो थे लेकिन रात भर कराहते रहे ऐसा लग रहा था मानों उन्हें कोई गोलियों से मार रहा हो या उन्हें कोई कस के पीट रहा हो इस तरह से चिल्ला रहे थे और कराह रहे थे दोनों दंपति को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें सुबह बाबा जी उठे और चादर को लपेटकर बुजुर्ग दंपत्ति को देते हुए कहा कि इसे गंगा में बहा देना और गलती से भी इसे खोल कर मत देखना अन्यथा बुरा हो जाएगा।

दोनों दंपति ने बाबा की आज्ञा का पालन किया और बाबा ने वहां घर से निकलते हुए साफ-साफ बोला की महीने भर में आपका बेटा सुरक्षित लौट आएगा जब दोनों कंबल को लेकर नदी की ओर जा रहे थे तब दोनों को महसूस हुआ की इसमें लोहे का कुछ सामान रखा हुआ है लेकिन उन्होंने कहा कि बाबा ने तो खाली चादर ही हमारे सामने लपेट कर दी थी तो ऐसा कैसे हो सकता है लेकिन उन्होंने बाबा की आज्ञा का पालन किया और वह चादर वैसे की वैसे ही नदी में बहा दी लगभग एक महीने के बाद उनका इकलौता पुत्र लौट आया।

जो कि ब्रिटिश फौज में सैनिक था जो दूसरे विश्व के युद्ध के दौरान बर्मा फ्रंट पर तैनात था उसे देखकर दोनों बुजुर्ग दंपति खुश हो गए और उसने आ कर कुछ ऐसी कहानी बताई कुछ ऐसी घटना बताइए जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया हर कोई इस घटना से हैरान था किआखिर ऐसा कैसे हो सकता है उसने यह बताया कि करीब 1 महीने पहले एक दिन वह दुश्मन फौजी के साथ पूरी तरीके से घिर चुका था रात भर गोलियां चल रही थी उसके सारे साथी मारे गए लेकिन वह पता नहीं कैसे अकेला बच गया

मैं कैसे बचा यह तो मुझे भी नहीं पता उसने बताया की उस गोलीबारी में उसे एक गोली तक नहीं लगी जबकि वह भी वहीं पर खड़ा था और उन सब दुश्मनों से घिरा हुआ भी था रात भर वह दुश्मनों के बीच जिंदा कैसे बचा रहा वह नहीं जानता था बाद मे यानी कि सुबह जब और ब्रिटिश टुकड़ी आई तो उसकी जान बच पाई थी और आपको बता दें कि यह वही रात थी जब नीम करोली बाबा उस बुजुर्ग दंपति के घर सोने के लिए आए हुए थे और रात भर रुके भी हुए थे अब मुझे बताने की जरूरत नहीं कि उनका वहाँ पर आने का रुकने का क्या कारण रहा होगा ।

पाँचवी कहानी :

ऐसी एक घटना अमेरिका की सबसे प्रसिद्ध अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स के साथ हो गया था उन्होंने खुद बताया था कि उन्होंने नीम करौली बाबा को कभी भी नहीं देखा था परंतु उनके सपने में बाबा अक्सर आया किया करते थे लेकिन जब उन्होंने एक दिन उनका चित्र कहीं पर देखा और तभी से वह उनकी दीवानी सी हो गई यानी कि उनकी भक्त बन गई थी जूलिया रोबोट ने उनके चित्र देखकर और अमेरिका में निवास कर रहे उनके कुछ भक्तों से मिलकर उनके किस्सों के बारे में सुनकर हिंदू धर्म को अपना लिया था।

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नीम करौली बाबा के आखिरी पल :

नीम करौली बाबा जब एक बार नैनीताल की तरफ जा रहे थे तो रास्ते में उनकी तबियत बिगड़ गई जिस की वजह से उन्हें वृंदावन स्टेशन पर ही उतरना पड़ा, जिसके तुरन्त बाद उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसके कुछ देर बाद ही 11 सितंबर 1973 को उनकी मृत्यु हो गई थी। उनसे जुड़ी यही कुछ घटनाए थी जिसकी वजह से उन्हे आज भी बहुत सारे भक्त उनसे आशीर्वाद लेने के लिए उनके धाम पर बराबर आते रहते है भारत के सबसे ज्यादा चर्चित और महान बाबा हैं नीम करौली बाबा ऐसा सिर्फ भारत के लोग ही नहीं बल्कि विदेश लोग भी यही बोलते और उनको बहुत ज्यादा मानते भी हैं।

 

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