Bus No. 375 : इस असली कहानी को शुरू करने से पहले माहौल बनाते हैं आप सोचिए की आप एक सुनसान इलाके मे खड़े है रात का घना अंधेरा हैं धीमी-धीमी सी बारिश हो रही हैं आप को एक बस दिखती हैं जो आप को वहाँ से बाहर लेकर जाएगी लेकिन उस बस मे आप के साथ कुछ ऐसा होता हैं
जो आप अपनी पूरी ज़िंदगी भूल नहीं पाते हैं किसी को बताते हैं तो यकीन नहीं करता की ऐसा भी कुछ हो सकता है लेकिन असल मे वो चीज आप के साथ हुई थी आप न बोल पा रहे हो न कह पा रहे हो कुछ ऐसा ही हुआ था एक व्यक्ति के साथ जिसने ये कहानी बताई तो किसी को यकीन ही नहीं हुआ अब आपको बताते हैं की क्या थी असल कहानी
बूढ़ी औरत और जवान लड़का :
ये घटना चीन के एक बस रुट की हैं जिसका नंबर है 375 जो की चलती थी युआन मिंग युआन से फ्रेगरेन्ट हिल्स के बीच ये बस बराबर चलती थी ऐसा कुछ अलग नहीं था बस मे ये हर बस की तरह ही थी ये बस रोज रात मे सवारियाँ को लेकर चलती थी उस दिन भी ये समर पैलिस नाम की जगह बस स्टैन्ड पे रुकती है कुछ सवारियों को देखकर जो की 4 लोग खड़े थे जिसमे एक पति-पत्नी थे, एक बूढ़ी औरत थी, एक 20 साल का जवान लड़का था कुल मिलाके 4 लोग थे और बस के अंदर सिर्फ ड्राइवर और एक महिला कन्डक्टर।
ये सब तो आम था लेकिन उस दिन कुछ अलग भी था अलग ये था की गाड़ी मे कोई पहले से पैसेंजर नहीं था साथ मे उस दिन रात कुछ ज्यादा ही काली थी मतलब भी रोशनी नहीं थी और साथ मे हल्की हल्की सी हवा के साथ बारिश हो रही थी जो की थोड़ा डरावना सा भी लग रहा था कुछ दूर चलने के बाद दो रास्ते मिलते है जिसपे एक रास्ता खराब था और दूसरा सही
लेकिन थोड़ा लंबा ड्राइवर पूछता हैं तो वो जवान लड़का और बूढ़ी औरत सही रास्ते पर जाने को कहते हैं लेकिन जो कपल बैठे थे वो मना कर देते हैं और वही पर उतर जाते है ये कह कर की हम यहाँ से पैदल चले जाएंगे फिर यही से आगे होता हैं एक भयानक और खौफनाक घटना जिसने इस दुनियाँ मे रूचि रखने वालों की एक नई कहानी दे दी एक नया किरदार दे दिया अगर उस वक्त कोई शायर होता तो कुछ यूं कहता
इतना सन्नाटा है बस्ती में कि डर जाएगा,
चाँद निकला भी तो चुप-चाप गुज़र जाएगा
3 लोग खड़े थे :
बस आगे की ओर बढ़ चलती हैं कुछ दूर चली ही थी की एकदम से बस ड्राइवर गाड़ी को रोक देता हैं ये देखकर 20 साल का नया लड़का एकदम से गुस्सा हो जाता हैं की ये क्या है ऐसे सुनसान जगह पर तुम बस को क्यों रोक रहे हो इतने अंधेरे मे उसकी बात भी सही थी की ऐसे इतने घने जगह क्यों गाड़ी रोक रहे फिर वो उंगली दिखा कर इशारा करता हैं की आगे देखो 3 लोग खड़े हैं बिल्कुल रोड़ के बीच मे अब कैसे लेकर जाऊँ तो वो चुप हो जाता हैं।
फिर वो तीनों बस मे आकर बैठ जाते हैं लेकिन जो बूढ़ी औरत थी उसको कुछ सही नहीं लगता हैं वो तुरंत कन्डक्टर के पास जाकर कहती है की ये लोग मुझे ठीक नहीं लग रहे असल मे वो लोग राजा-महाराजा वाले कपड़े पहने थे जो की बहुत गंदे भी थे और उनके बाल उनके चेहरे को बिल्कुल धक कर रखे थे जो की बहुत डरावने दिख रहे थे पर कन्डक्टर उसकी बात को टाल देता हैं ये कहकर की अरे पास मे सिनेमा है ये लोग वही से होंगे ड्रामा करके निकले होंगे लेकिन वो बूढ़ी औरत को ठीक नहीं लगा
वो घबराने लग गई थी फिर अचानक से वो उस जवान गबरू लड़के से ये कहकर लड़ने लगती है की तुम एक चोर हो और तुमने मेरा पर्श चुराया हैं महिला तमाचा तक मार देती हैं उस लड़के को झगड़ा बढ़ने लगता है तो ड्राइवर गाड़ी रोक कर कहता है की यही पास मे पुलिस स्टेशन हैं वहाँ चले जाओं दोनों जिसपर वो बूढ़ी औरत और जवान लड़का वही उतर जाते हैं उतरने के बाद जो वो महिला बताती हैं वो सुनकर आप भी चौक जाओगे बिल्कुल मेरी तरह भाई जैसे मैंने पहली बार ये सुनके चौका था।
हवा चली तो चेहरा गायब, और पैर ?
असल मे बूढ़ी महिला बताती हैं की जब एकदम से हवा चली तो मैंने देखा की उसका चेहरा है ही नहीं जो की बस मे बैठे थे और ध्यान दिया तो पाया की उनके पैर भी नहीं हैं जिसके बाद मैंने अपनी और तुम्हारी जान बचाने के लिए ऐसा प्लान बनाया ताकि हम दोनों बहाने से बस से उतर सके और इस मुश्किल से बचे पर तभी एकदम से जवान लड़का उस बूढ़ी औरत के पास जाकर रो पड़ता हैं और धन्यवाद भी बोलता हैं की तुमनी मेरी जान बचा ली पर वो कहता है हम तो बच गए लेकिन उस बस ड्राइवर और कन्डक्टर का क्या होगा उन्हे भी हमे ही बचाना होगा।
जिसके बाद दोनों फैसला करते हैं और पुलिस स्टेशन मे जाने लगते हैं पर पुलिसवाले इन दोनों को भगा देते हैं ये कहकर की दोनों पागल हो गए हैं और दोनों सपना देख कर आ रहे हैं डांटकर पुलिस वाले उन दोनों को भगा देते है फिर क्या था दोनों यानी की वो बूढ़ी औरत और वो जवान लड़का वहाँ से चुप-चाप चले जाते हैं फिर क्या था यहाँ होता हैं असली खेल 16 नवंबर को खबर आती हैं की जो बस 14 नवंबर को फ्रेगरेन्ट हिल्स के लिए निकली थी वो अभी तक पँहुची ही नहीं हैं
तंदूर कांड : आत्मा कांप जाएंगी इस पूरी कहानी को सुनकर, आखिर क्यों कहते हैं इसको तंदूर कांड
सच बोल रही थी बूढ़ी औरत :
तब पुलिस को उस दिन वाली बूढ़ी औरत और वो जवान लड़का याद आता हैं फिर क्या था पुलिस खोजबिन मे निकल जाती हैं फिर जो पुलिस के हाथ लगता हैं वो हर किसी को हैरान कर देता यहाँ तक की मेरी भी रूह कांप जाती हैं ये सब सुनकर आप सुनोगे तो आप का भी यही हाल होगा
बस फ्रेगरेन्ट हिल्स से 100 किलोमीटर दूर एक नदी थी उसके नीचे डूबी हुई थी और जब बस को निकाला जाता हैं तब उसके अंदर से उन सब के कंकाल मिलते है जो की बहुत सारे सवाल पैदा करता है जो आज तक कोई सुलझा नहीं पाया वो कौन से सवाल है आप भी देखिए
- वो बस मे मरा हुआ तीसरा आदमी कौन था ?
- बस अपने स्टॉप से 100 किलोमीटर आगे कैसे गई ?
- उस दिन ड्राइवर ने वही रास्ता क्यों पकड़ा जिसपे वो लोग थे ?
- पानी मे रहने के बाद भी इतनी जल्दी कैसे शरीर का मांस गल गया ?
- सिर्फ हड्डियाँ ही क्यों बची थी उस बस मे ?
- बस मे एक बूंद पेट्रोल भी नहीं था ?
- हर रास्ते मे सीसीटीवी कैमरा था, तो बस रिकार्ड क्यों न हुई ?
- वो लोग कौन थे कहाँ से आए थे ?
ये वो सवाल है जो मैं नहीं पूछ रहा बल्कि हर कोई पूछता हैं जो इस सच्ची कहानी के बारे मे जानता हैं, आज तक कई टीमे इस पर जांच कर चुकी हैं लेकिन किसी को भी इसका रहस्य नहीं मालूम हैं की ये आखिर कैसे संभव हैं।